सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

PM Kisan: कंफर्म हुई तारीख! इस तारीख को आएंगे पीएम क‍िसान के 2 हजार, ऐसे खातों में आएंगे पैसे


 12वीं क‍िस्‍त के ल‍िए क‍िसान इंतजार कर रहे हैं। इस क‍िसत के 2 हजार रुपये अगस्‍त से नवंबर के बीच क‍िसानों के खाते में ट्रांसफर होने हैं। सरकार की तरफ से तय की गई ई-केवाईसी की डेडलाइन भी न‍िकल गई है। दी गई जानकारी अच्छी लगती है तो कॉमेंट करके बताएं 

 

टीचर्स डे यानी 5 स‍ितंबर तक आ जाएंगे 2 हज़ार रुपए!

पीएम क‍िसान योजना पर जानकारी देते हुए प्रमुख सच‍िव डॉ. अरुण कुमार मेहता (Dr Arun Kumar Mehta) ने बताया क‍ि केवल आधार से जुड़े खाते में ही 12वीं क‍िस्‍त को ट्रांसफर क‍िया जाएगा। उन्‍होंने बताया क‍ि 5 स‍ितंबर तक सभी क‍िसानों के खाते में योजना से जुड़ी रकम ट्रांसफर होने की उम्‍मीद है। आपको बता दें सरकार का इस समय खास फोकस अपात्र लाभार्थ‍ियों को म‍िलने वाला लाभ बंद करना और पैसे की र‍िकवरी करना है।

 

अब इस योजना में रिकवरी पर अब ज्यादा जोर है 

केंद्र सरकार ने योजना के ल‍िए ई-केवाईसी (e-kyc) जरूरी क‍िया है, तब से इसके लाभार्थ‍ियों की संख्‍या में लगातार कमी आ रही है। अगस्‍त से नवंबर 2021 के बीच म‍िलने वाली 9वीं क‍िस्‍त 11.19 करोड़ क‍िसानों को म‍िली थी। इसके बाद द‍िसंबर 2021 से मार्च 2022 के बीच म‍िलने वाली 10वीं क‍िस्‍त करीब 11.15 करोड़ क‍िसानों को म‍िली। 11वीं क‍िस्‍त में लाभार्थ‍ियों की संख्‍या में घटकर 10.92 करोड़ पर आ गई।

 

तीन किस्तों में सालाना म‍िलते हैं 6 हजार रुपए 

केंद्र सरकार की तरफ से इस योजना को क‍िसान की आर्थ‍िक स्‍थ‍ित‍ि मजबूत करने के ल‍िए शुरू क‍िया गया था। इसमें पात्र क‍िसानों को सालाना 6 हजार रुपये द‍िए जाते हैं, जो क‍ि 2-2 हजार की तीन क‍िस्‍तों में म‍िलते हैं। सरकार की तरफ से पहले भी जानकारी दी गई क‍ि इस बार ब‍िना ई-केवाईसी पूरी हुए क‍िस्‍त नहीं दी जाएगी। दी गई जानकारी अच्छी लगी तो तुरंत शेयर करें। Image source-google 


इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

कौन हैं Math's Masti वाले शिक्षक से यूट्यूबर और फिर ग्राम प्रधान बनें विपिन सर? जीवनी, आयु, वेतन, प्रेमिका पत्नी, और अधिक

Image source-google    विपिन सर (मैथ्स मस्ती) की जीवनी विपिन सर एक गणित शिक्षक , यूट्यूबर और वर्तमान में अपने ग्राम पंचायत के ग्राम प्रधान ( मुखिया ) भी हैं। वह एक कड़ी मेहनत और सिर्फ़ कड़ी मेहनत का एक आदर्श उदाहरण हैं जो आज हजारों नहीं बल्की लाखों युवाओं के मेंटर भी हैं। वह यूटयूब पर भारत का नंबर एक गणित शिक्षक हैं। यूटयूब पर मैथ्स मस्ती नाम पढ़ाते हुए मशहूर हुए। इसके अलावा अपने अच्छे कामों के वजह से इतने लोकप्रिय हुए की उनके ग्राम के लोगों ने उन्हें अपने पंचायत के मुखिया तक चुन लिया।      विपिन सर (मैथ्स मस्ती) का बचपन  वे एक ऐसे व्यक्ति हैं जो बहुत ही गरीब परिवार में बिहार राज्य के वैशाली जिला के सलहा पंचायत में हुआ। उनके घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी इसलिए उनके घर में इनसे पहले कोई भी ज्यादा पढ़ाई पूरी नहीं कर पाते थे।   नाम विपिन कुमार राय पिता जी का नाम रामनरेश राय माता जी का नाम ज्ञात नहीं  जन्म तिथि 15-06-1991 जन्म स्थान महमदपुर (वैशाली) जिला वैशाली (बिहार) शैक्षणिक योग्यता इंटरमीडिएट विवाह 2012 पत्नी का नाम शालू यादव  ...

जेल में पढ़कर पास की BPSC परीक्षा, हथकड़ी लगे हाथों से लिया ज्वाइनिंग लेटर; रचा नया इतिहास!

 हथकड़ी में सफलता! जेल में पढ़कर पास की BPSC परीक्षा, ज्वाइनिंग लेते ही रचा नया इतिहास  पटना: मेहनत और हौसले के आगे कोई भी दीवार बड़ी नहीं होती—इस कहावत को बिहार के बिपिन कुमार ने सच कर दिखाया है। बेऊर जेल में बंद इस कैदी ने ऐसा करिश्मा किया, जिसे सुनकर हर कोई दंग रह गया। जेल की सलाखों के पीछे रहकर उन्होंने BPSC परीक्षा पास की और अब हथकड़ी लगे हाथों से शिक्षक पद के लिए ज्वाइनिंग लेटर प्राप्त किया। कैसे बनी ये अनोखी कहानी? गया जिले के मोहनपुर थाना क्षेत्र के एरकी गांव के निवासी बिपिन कुमार पर पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज है और वह पिछले डेढ़ साल से जेल में हैं। लेकिन उन्होंने अपनी हालातों को कभी अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया। जेल में ही पढ़ाई जारी रखी और आखिरकार BPSC शिक्षक भर्ती परीक्षा पास कर ली। रविवार को जब बोधगया के महाबोधि कन्वेंशन सेंटर में ज्वाइनिंग लेटर वितरण समारोह आयोजित हुआ, तो हथकड़ी लगे हाथों से बिपिन कुमार ने ज्वाइनिंग लेटर लिया। यह दृश्य देखने वालों के लिए हैरान करने वाला था। क्या उनकी नौकरी सुरक्षित रहेगी?  हालांकि, उनकी नियुक्ति फिलहाल औपबंधिक (Provisional) ...

बिहार के गांव के लड़के ने रचा इतिहास: बना जूनियर वैज्ञानिक, मिली बड़ी उपलब्धि!

बिहार के गांवों में छिपी प्रतिभाओं ने एक बार फिर से अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया है। एक साधारण परिवार से आने वाले इस होनहार लड़के ने अपनी मेहनत और लगन से ऐसा कारनामा कर दिखाया, जो दूसरों के लिए प्रेरणा बन गया है। इस प्रतिभाशाली छात्र को जूनियर वैज्ञानिक के तौर पर बड़ी पहचान मिली है। ग्रामीण परिवेश में सीमित संसाधनों के बावजूद इतनी बड़ी सफलता हासिल करना युवाओं के लिए प्रेरणादायक है। दिव्यांशु भूषण की यह उपलब्धि उन छात्रों के लिए एक प्रेरणा है, जो बड़े सपने देखते हैं और कठिन परिश्रम से उन्हें पूरा करने की कोशिश करते हैं। उनके माता-पिता का गर्व स्वाभाविक है, और क्षेत्र के लोग भी उनकी इस सफलता से गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। प्रेरणा देने वाली कहानी यह लड़का बिहार के एक छोटे से गांव का रहने वाला है, जो समस्तीपुर जिला के विद्यापति नगर प्रखंड के बाजीतपुर गांव का सुदूर क्षेत्र है। जहां न तो तकनीक की भरमार है और न ही उच्च शिक्षा के साधन। बावजूद इसके, उसने अपनी पढ़ाई और वैज्ञानिक अनुसंधान में रुचि से यह मुकाम हासिल किया। सीमित संसाधनों के बावजूद उसने विज्ञान और तकनीक में गहरी रुचि दिखाई। जू...